देश को प्रदूषण मुक्त करने के लिए विशेष योजना के अंतर्गत अब देश में सीबीजी यानी कंप्रेस्ड बायोगैस का विकल्प तेजी से उभर रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण बिगड़ी अर्थव्यवस्था के बीच कंप्रेस्ड बायोगैस ना सिर्फ किफायती सिद्ध हो रही है बल्कि देश के बिगड़ते पर्यावरण को संभालने में भी उपयोक्त योगदान देने योग्य साबित हुई है। कंप्रेस्ड बायोगैस आने वाले वर्षों में सीएनजी के विकल्प के तौर पर उभरेगी। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018-19 में देश में सीएनजी की खपत 4.40 टन रही है, जो कि आगामी वर्षों में सीबीजी के उपयोग के बाद कम हो सकती है।
जानें क्या है सीबीजी
सीबीजी जिसे कंप्रेस्ड बायो गैस कहा जाता है, ये प्राकृतिक गैस के सामन होती है। इसकी ऊर्जा क्षमता कंप्रेस्ड नेचुरल गैस यानी सीएनजी की तरह होती है। सीएनजी की तरह सीबीजी भी भविष्य में फ्यूल के तौर पर इस्तेमाल होगी। वर्तमान में नेक्सजेन एनर्जिया लिमिटेड का अंबाला में प्लांट स्थापित है जहां हर रोज 50 टन सीबीजी का निर्माण प्रतिदिन किया जा रहा है। इस सीबीजी गैस का उपयोग सीबीजी पंप स्टेशनों के माध्यम से हो रहा है।
ऐसे होता है निर्माण
बता दें कि कंप्रेस्ड बायोगैस यानी सीबीजी का निर्माण प्लांट्स में कृषि अवशेष, मवेशी अवशेष, आदि के जरिए होता है। संयंत्र में विशेषज्ञों की निगरानी में की गई लंबी प्रक्रिया के बाद इसका शुद्धीकरण होता है जिसके बाद इसे कंप्रेस किया जाता है। इस गैस में मिथेन अधिक मात्रा में होती है।
केंद्र सरकार लाई योजना
केंद्र सरकार लंबे समय से राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति 2018 के जरिए बायोगैस, ग्रीन डीजल आदि को प्रमोट करने का काम कर रही है। इस योजना के आधार पर मेक इन इंडिया को मजबूती देने का भी काम किया जा रहा है। केंद्र सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने वर्ष 2018 में राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति को अधिसूचित किया था।
एंट्रप्रेन्योर को दी जाती है सुविधाएं
सरकार ने बायोगैस, ग्रीन डीजल समेत अन्य के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है। सीबीजी निर्माण से जुड़े एंट्रप्रेन्योर को प्लांट स्थापित करने पर लैंड यूज में टैक्स छूट, इंटरेस्ट में सब्सिडी, के अलावा कई सुविधाएं और टैक्स लाभ दिए जाते हैं। सरकार का मानना है कि इस फील्ड की जरुरत है इस इसके प्रति एंट्रप्रेन्योर को आकर्षित करना बेहद जरुरी है। राज्य सरकार भी अलग अलग स्तर पर योजनाएं लाती है। कई राज्यों में सरकार जीएसटी पर भी खास सुविधाएं मुहैया कराती है।
विदेशों पर कम होगी निर्भरता
अब देश में बन रही कंप्रेस्ड बायो गैस के जरिए तेल आयात पर निर्भरता कम होगी। ये पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के प्रयासों को मजबूती देती है। ये किसानों को अतिरिक्त आय उपलब्ध कराने का काम भी किया जाता है। इस योजना के प्रसार से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इसकी खासियत है कि ये ऐसा संसाधन है जो कभी समाप्त नहीं हो सकता। जैव ईंधन उत्पादन में इसके उपयोग को अनंत काल तक स्थायी रूप से जारी रखने में मदद मिल सकती है। सरकार के साथ जुड़कर जैव ईंधन के घटकों को गंभीरता से लेते हुए कंप्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन के लक्षय को हासिल किया जा सकता है।
सरकार पर कम होगा 30 हजार बिलियन डॉलर का बोझ
देश और आने वाली पीढ़ी के लिए प्रदूषण को बचाना और इसे खत्म करना बेहद जरुरी है। इसके लिए सीबीजी प्लांट काफी हद तक मदद पहुंचा सकते हैं। कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाने पर इस कंप्रेस्ड बायोगैस के कई लाभ उपभोक्ताओं से लेकर एंट्रप्रेन्योर को मिलेंगे। देश को भी इस कंप्रेस्ड बायोगैस के जरिए प्रदूषण से छुटकारा मिलेगा। वहीं विदेशों में ईंधन की निर्भरता भी कम होगी। बता दें कि भारत को हर वर्ष 30 हजार बिलियन डॉलर की राशि अन्य देशों से पेट्रोल-डीजल खरीद के लिए खर्च करनी पड़ती है। इस राशि को स्वदेशी बायोईंधन के जरिए आने वाले समय में कम किया जा सकता है।
गाड़ियों में किया जा सकता है इस्तेमाल
प्रदूषण को दूर करने के लिए कंप्रेस्ड बायोगैस के निर्माण की आवश्यकता है। सीबीजी प्लांट लगाने के इच्छुक एंट्रप्रेन्योर के लिए कंप्रेस्ड बायोगैस (सीएनजी या सीबीजी) प्लांट स्थापित करने से पहले जानना जरूरी है कि इसके अन्य गैसों की अपेक्षा ढ़ेरों लाभ हैं। सीबीजी आमतौर पर पर्यावरण फ्रेंडली और कम प्रदूषण फैलाने वाली होती है। इसका कैलोरी मान 52000kj/kg है। बता दें कि सीबीजी और सीएनजी घर के अलावा गाड़ियों में भी इस्तेमाल की जा सकती है।
सीजीबी में जीरो रिस्क फैक्टर
बायोगैस निर्माण से जुड़ने वाले एंट्रप्रेन्योर के लिए प्रमुख बात है कि इस फील्ड में कोई रिस्क फैक्टर नहीं है क्योंकि आने वाले वर्षों में कंप्रैस्ड बायो गैस (सीबीजी) मूल ईंधन का विकल्प बनेगी। इस पर रिसेशन व अन्य परिस्थितियों का नकारात्मक असर नहीं होता है। प्लांट लगाने के बाद ही एंट्रप्रेन्योर को पहले ही दिन से नेक्जसेन एनर्जिया की तरफ से फाइनल उत्पाद का भुगतान किया जाता है।
इस संबंध में नेक्सजेन एनर्जिया के एमडी एपी पाठक ने बताया कि कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट स्थापित करने के लिए किसी तरह की पढ़ाई, एक्सपीरियंस आदि की आवश्यकता नहीं है। इसका निर्माण कहीं भी किया जा सकता है। इसे लगाने के लिए एंट्रप्रेन्योर के पास पूर्ण व्यवस्था और कैपिटल होनी चाहिए।
प्लांट लगाने में एंट्रप्रेन्योर की मैनेजमेंट समेत अन्य स्तरों पर नेक्सजेन एनर्जिया पूर्ण मदद करती है। इस प्लांट का इस्तेमाल मल्टीफंक्शनल तौर पर किया जाता है। प्लांट के लगने के बाद यहां कंप्रेस्ड बायोगैस के अलावा अन्य जैविक उत्पादों का निर्माण होता है। इसमें बायो फ्यूल, बायोखाद आदि महत्वपूर्ण है। बायोगैस के अलावा इन उत्पादों को बेचकर भी एक प्लांट से ही कमाई की जा सकती है। एक प्लांट को स्थापित करने की राशि में कई उत्पादों को बेचकर कमाई का विकल्प भी एंट्रप्रेन्योर को मिलता है।
100% बायबैक की भी सुविधा
नेक्सजेन एनर्जिया एंट्रप्रेन्योर को ग्राहक तक पहुंच देती है। ये बायोखाद किसानों को बेची जा सकती है, जिन तक कंपनी एंट्रप्रेन्योर को पहुंचाने में मदद करती है। इसके अलावा सरकार की हर योजनाओं से भी एंट्रप्रेन्योर को रुबरु करवाया जाता है। योजनाओं का लाभ दिलवाने में भी मदद दी जाती है। इसके अलावा रिसेशन या वैश्विक आर्थिक परेशानी झेलने के बाद भी एंट्रप्रेन्योर की कमाई पर कोई असर नहीं पड़ता है। कंपनी 100% बायबैक की सुविधा भी देती है।
नेक्सजेन एनर्जिया की है उपलब्धि
नेक्सजेन एनर्जिया वर्तमान में सीएनजी, सीबीजी, एलसीएनजी, एलएनजी निर्माण का कार्य कर रही है। वहीं NX 100 के जरिए ग्रीन डीजल निर्माण किया जाता है। नेक्सजेन एनर्जिया के मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में स्थापित हैं जहां कंप्रेस्ड बायोगैस निर्माण के लिए काम शुरू किया जाना है।
जानें कंपनी का मिशन
देश में पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से नेक्सजेन एनर्जिया काम कर रही है। कंपनी के मुताबिक वैश्विक विकास के लिए भी वैकल्पिक ऊर्जा के निर्माण और उसका नियमित वितरण उपयोगी है। विश्वभर में ग्रीन डीजल और बायोफ्यूल के लिए पहचान बनाने की इच्छुक नेक्सजेन एनर्जिया अपने मिशन को पूरा करने में जोर दे रही है। इसके लिए कंपनी ने ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए कीमतें बेहद किफायती रखी हैं।
नेक्सजेन एनर्जिया के प्लांट्स में निर्मित ग्रीन डीजल, बायो फ्यूल सभी पर्यावरण नुकसान से बचाते है। इनका उपयोग कर जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है। सरकार भी इसके लाभों के मद्देनजर ग्रीन डीजल और बायो गैस निर्माण पर जोर दे रही है।
इस फील्ड से जुड़ने के हैं हजारों फायदे
कंपनी के एमडी एपी पाठक का कहना है कि एंट्रप्रेन्योर जो कंप्रेस्ड बायोगैस के निर्माण से जुड़ता है उसे इसमें हाई मार्जिन का लाभ मिलता है। एंट्रप्रेन्योर की मदद के लिए मार्केटिंग और ब्राडिंग में मदद के लिए नेक्सजेन एनर्जिया अपना अनुभव साझा करती है। एनर्जिया द्वारा स्थापित प्लांट्स में अंतर्राष्ट्रीय क्वालिटी का सीबीजी, सीएनजी, एलसीएनजी, एलएनजी, ग्रीन डीजल आदि का उत्पादन किया जाता है।
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