केंद्र सरकार | जैव ईंधन राष्ट्रीय नीति 2018 में संशोधन पर मुहर लगा चुकी है। इस संशोधन के संबंध में इस संबंध में ग्रीन एनर्जी की दिग्गज कंपनी नेक्सजेन एनर्जिया के एमडी एपी पाठक ने सरकार के इस कदम को बेहद सराहनीय कदम बताया है। बायो फ्यूल को बढ़ावा देने के लिए और इसके उत्पादन के लिए अधिक फीडस्टॉक रखा जा सकेगा।
इसका सबसे अधिक लाभ ये है कि और अब देश की ईंधन की निर्भरता विदेशों पर काफी कम होगी। ईंधन के क्षेत्र में भी भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। सभी राज्यों में सीबीजी उत्पादन के लिए अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं।
बता दें कि केंद्रीय मंत्रीमंडल ने बुधवार को हुई बैठक में जैव ईंधन राष्ट्रीय नीति 2018 में संशोधन पर मुहर लगा दी है। इससे अगले पांच वर्षों में इथेनॉल के 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म निर्भर भारत मुहिम को बढ़ावा देने में भी लाभकारी होगी। सीबीजी निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं में शामिल है। 15वें वित्त आयोग के अनुदान के साथ नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सहयोग से देशभर में सीबीजी का निर्माण किया जाएगा।
कंप्रेस्ड बायोगैस के निर्माण को लेकर नेक्सजेन एनर्जिया ने प्लांट्स लगाने के लिए ऐसे राज्यों को चुना है जहां पशुपालन काफी बड़े स्तर पर किया जाता है। कंपनी ने शुरुआत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में अपनी ईकाईयां लगाने की शुरुआत कर दी है। कंपनी इन प्लांट्स को जल्द से जल्द ऑपरेशनल बनाने की दिशा में काम कर रही है। कंपनी के मुताबिक कुछ जगहों पर कंप्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन शुरू भी हो गया है।
देशभर में स्थापित होंगे 1000 प्लांट्स
सरकार का मकसद अब सीएनजी को सीबीजी यानी कंप्रेस्टड बायोगैस से रिप्लेस करना है। इस दिशा में नेक्सजेन काम कर रहा है। सरकार के साथ मिलकर देश भर में इसके लिए प्लांट्स स्थापित किए जाएंगे। इसके जरिए देशभर में प्लांट्स स्थापित करने के लिए इंफ्रास्टक्चर समेत अन्य सहूलियतें दी जाएगी।
कंपनी का वर्ष 2027 तक देशभर में 1000 प्लांट्स स्थापित करने का लक्ष्य है। इन प्लांट्स में बड़ी मात्रा में कंप्रेस्ड बायोगैस और बायोखाद का निर्माण किया जाएगा। इससे पर्यावरण तथा अर्थव्यवस्था को भी मदद मिलेगी। नेक्सजेन एनर्जिया की योजना है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के वाराणसी समेत कई शहरों में प्लांट स्थापित किए जाएं। इसके अलावा रोहतक, बागपत, वाराणसी, मेरठ, नोएडा आदि में भी कंपनी के प्लांट स्थापित होंगे, जिससे कंप्रेस्ड बायोगैस अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाई जा सके। वहीं अंबाला में कंपनी का एक प्लांट फंक्शनल भी है, जहां बड़ी मात्रा में गैस निर्माण सफलतापूर्वक किया जा रहा है।
एंट्रप्रेन्योर को मिलेगी बायबैक की सुविधा
बता दें कि कंपनी ने बायबैक की सुविधा भी एंट्रप्रेन्योर को दी है। कंपनी एंट्रप्रेन्योर को सीबीजी प्लांट लगाने में मदद करेगी। इसके साथ ही कंपनी प्लांट में बना सब फ्यूल या कंप्रेस्ड बायोगैस बायबैक भी कर लेगी। इसके अलावा प्लांट में बचा बायो फर्टिलाइजर और स्लरी को भी कंपनी खरीदती है। इसे किसानों को बेचा जा सकता है। इससे भी एंट्रप्रेन्योर को लाभ मिलता है।
बता दें कि नेक्सजेन एनर्जिया लिमिटेड, जो बायो फ्यूल, कंप्रेस्ड बायोगैस के निर्माण में महारथ हासिल किए हुए है। कंपनी वर्ष 2019 से संचालित है, और देशभर में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाने पर जोर दे रही है।
सरकार से मिलती हैं सुविधाएं
बायोगैस निर्माण के लिए प्लांट लगाने वाले एंट्रप्रेन्योर को कंपनी हर तरह की मदद देने के लिए तत्पर है। सरकार की तरफ से प्लांट स्थापित करने पर लैंड यूज में टैक्स छूट, इंटरेस्ट में सब्सिडी, कई तरह के टैक्स बैनेफिट एंट्रप्रेन्योर को दिए जाते हैं। राज्य सरकार भी अलग अलग स्तर पर योजनाएं लाती है। कई राज्यों में सरकार जीएसटी पर भी खास सुविधाएं मुहैया कराती है। Apply now